
तीर्थ क्षेत्र कमेटी की प्रथम बैठक अहिक्षेत्र पारसनाथ दिगंबर जैन मंदिर में संपन्न
बैल 2024 / चैत्र कृष्ण एकादशी / चैनल महालक्ष्मी और सांध्य महालक्ष्मी / अपने तीर्थों , संस्कृति की रक्षा करने के लिये सबको काम करना होग , हम सबको कान करना है समाज के लिए , जो जानकारी मिलेगी , सुझाव होंगे , सब पर चर्चा होगी 120 वर्ष पुराने संविधान में आवश्यक परिवर्तन भी करने होंगे , चाहे कोई किसी भी पद पर हो , सबको कार्य करना होगा , यह कहते हुए भारतवर्षीय दिगंबर जैन तीर्थ क्षेत्र कमेटी के अध्यक्ष जम्बू प्रसाद जैन जी ने पहली ही मीटिंग के शुरूआती सत्र में अपना संदेश दे दिया । इससे पूर्व महामंत्री स्तोष पेंढारी जी ने कमेटी के 20 पदाधिकारियों की सूचना देते हुए 2024-25 का प्रस्तावित अनुमान पत्रक ( बजट ) प्रस्तुत किया , जिसनें 4,50,63,301 रु व्यय का विभिन्न मदों में दर्शाते हुए 46,43,301 रु . आय से व्यय की अधिकता बताई । गौजूद राधी पदाधिकारियों सदस्यों व विभिन्न तीर्थों के प्रमुखों द्वारा विचार- सुझाव दिये गये । पर सबकी बात सुनने के बाद अध्यक्ष महोदय ने कहा कि सबने सारी बातें कहीं , पर किसी ने 46 लाख घाटे की भरपाई कैसे होगी यह किसी ने नहीं सुझाया । यह सरकारी बजट नहीं है , जो पाटा दिखाकर चला लें , कमेटी को आर्थिक स्तर पर मजबूत करना पहली प्राथमिकता होनी चाहिए ।
अहिच्छेत्र बरेली में आयोजित इस मीटिंग में महामंत्री जी ने शुरूआत में ही कहा कि हर तीर्थ को कमेटी से संबंध कराना है । वहां बोर्ड लगाना है कि यह तीर्थ भारतवर्षीय दिगंबर जैन तीर्थक्षेत्र कमेटी से संबंध रखता है । यह दर्शनीय स्थान पर लगाना है और इसके लिये आंचलिक कार्यालयों को अगुवाई करनी होगी । टीएमयू के अध्यक्ष व कमेटी के उपाध्यक्ष सुरेश जैन ने कमेटी व ट्रस्ट के लीगल डोक्यूमेंटेशन पर जोर देने की बात कही । गुजरात अंचल के अध्यक्ष पारस बज ने कहा कि पांच सालों से गिरनार में कमेटी कार्यालय की बात कह रहा हूं , पर कुछ नहीं हुआ । ऐसा फूलप्रूफ सिस्टम बनाना होगा कि जिससे कमेटी के अच्छे कार्यों की प्रशंसा हो और कहीं चूक हुई , वो भी बात पहुंच सके । अब तक कमेटी बस मुम्बई से चलकर मुंबई में ही सिमटती रही है । उन्होंने गिरनार केस की अब तक जानकारी सबके सामने रखते हुए कहा कि बातचीत सामने वाले से करने के लिए दबाव बनाया जा रहा है , पर हम क्या चाहते हैं , उसके लिए निश्चित बिंदुओं पर पहले एकमत होता होगा केवल यह कहना कि गिरनार हमारा है , इससे काम नहीं चलेगा । हां , तीर्थंकर श्री नेमिनाथ ने गिरनार पर / 103 साल गुजारे हैं , कण – कण में बसे हैं पर लीगल अधिकार हमारा नहीं है । 19 मार्च के बाद जब 24 अप्रैल को सुनवाई है ।तीर्थों पर संतों के चातुर्मास , तीर्थों का सर्वेक्षण , आवागमन के लिए अच्छी व्यवस्था , आवास भोजन में सुधार , तीर्थों पर ग्रीष्म – शीतकालीन वाचना , पयुर्षण में विद्वानों को आमंत्रण , पंचकल्याणक तथा वर्षायोग में तीर्थ कलश स्थापना पर भी विचार प्रस्तुत किये गये ।
पहले के एक सेमिनार की जानकारी देते हुए पेंढारी जी ने कहा कि हर तीर्थ पर सीसीटीवी कैमरे लगे हों और सबका एक्सेस कमेटी के पास दिल्ली या मुंबई में हो , पर इस पर कार्यान्वयन नहीं हो सका । अंचल कमेटियों को हर क्षेत्र का केवाईसी पर जोर देना चाहिए । कितनी वेदी , कितनी मूर्ति , मेजरमेंट , धातु या पाषाण की , पूरी जानकारी संबंधिक आयुक्त पर जमा करा दें , जिससे यह प्रमाण रहे कि , ये उस तीर्थ की है । तीर्थों के कागज ट्रस्ट के नाम ही हों । अनेक जगह कागज दातार के नाम ही रहते हैं और काफी समय बाद , विवाद शुरू हो जाता है ।
सुझावों में यह भी कहा गया कि सरकार को तीर्थों की सूची देकर अनुदान की मांग कमेटी की ओर से जाना चाहिए । सरकार उस पर विचार कर सकती है ।
भारतवर्षाय दिगम्बर जैन तीर्थक्षेत्र कमेटी के राष्ट्रीय अध्यक्ष श्री जम्बू प्रसाद जैन ने 2024 2028 कार्यकाल के लिये निम्न पदाधिकारियों मनोनीत कर शुभकामनाएं प्रेषित की : – उपाध्यक्ष प्रदीप जैन पीएनसी आगरा , सुरेश जैन कुलाधिपति टीएमयू मुरादाबाद , विजय जैन अहमदाबाद , संजय जैन पापड़ीवाल औरंगाबाद , नीलम जैन अजमेरा उस्मानाबाद , महामंत्री – संतोष जैन पेंढारी नागपुर , कोषाध्यक्ष- अशोक जैन दोशी मुम्बई , मंत्री – हंसमुख जैन गांधी इंदौर , डॉ . जीवन प्रकाश जैन हस्तिनापुर , वीरेश जैन जबलपुर , जयकुमार जैन कोठारी लखनऊ ।